Kidney/गुर्दा

गुर्दे / मूत्रमार्ग की पथरी का बिना सर्जरी के सिर्फ खाने की दवाइयों से शुद्ध आयुर्वेदिक उपचार // Ayurvedic Treatment For Kidney And Urinary Stone.

प्रिय मित्रों,
आज हम बात करेंगे मूत्रमार्ग यानी पेशाब के रास्ते में बन जाने वाली पथरी के आयुर्वेदिक उपचार की.
मूत्रमार्ग में बनने वाली पथरी को इंग्लिश में किडनी स्टोन (Kidney Stone) या यूरिनरी स्टोन (Urinary Stone) और आयुर्वेद में अश्मरी या मूत्राश्मरी कहा जाता है. ये एक बहुत ही पीड़ादायक बीमारी होती है परन्तु ख़ुशी की बात ये है कि आयुर्वेद में मूत्रमार्ग की पथरी का बिना किसी सर्जरी के सिर्फ खाने की गोलियों से सफल इलाज संभव है.

सबसे पहले मैं आपको सरसरी तौर पर मूत्रमार्ग की रचना और पथरी के उत्पन्न होने पर थोड़ा बताऊंगा.
हमारा मूत्रमार्ग गुर्दो से शुरू होता है. हमारे शरीर में कमर की दोनों तरफ एक एक गुर्दा होता है. प्रत्येक गुर्दे से एक नलिका निकलती है जिसे युरेटर बोलते हैं. प्रत्येक युरेटर लगभग 25 सेमी लम्बा होता है. ये दोनों युरेटर मत्राशय यानी मसाने में खुल जाते हैं . मूत्राशय में मूत्र इकठ्ठा होता रहता है. मूत्राशय के आगे का भाग यूरेथ्रा कहलाता है. यूरेथ्रा मूत्र को शरीर से बाहर निकालने वाली नलिका होती है. पुरुषों में यूरेथ्रा लिंग के अंदर होता है और काफी लम्बा (20 सेमी तक) होता है.

पथरी का बनना : पथरी इस मूत्रमार्ग में कही पर भी उत्पन्न हो सकती है.

पथरी के लक्षण :

  • पथरी में कई बार अचानक से भयानक दर्द होता है, परन्तु ज़्यादातर मामलों में मध्यम तीव्रता का दर्द कमर की साइड्स से शुरू होकर नीचे की तरफ जाता हुआ प्रतीत होता है.
  • कई बार दर्द लिंग के मुख पर और वृषण (टेस्टिस) में भी महसूस होता है.
  • पेशाब खुलकर नहीं आता. पेशाब कर लेने के बाद भी ऐसा लगता है जैसे पेशाब अभी पूरा नहीं हुआ है. पेशाब में जलन भी रहती है लेकिन ऐसा होना हर मामले में ज़रूरी नहीं है.


Note – अगर आपको उपरोक्त परेशानियां हैं तो सबसे पहले आप एक फुल एब्डोमेन अल्ट्रासाउंड (Full Abdomen Ultrasound) करा लीजिये.

अल्ट्रासाउंड में पथरी आने पर निम्न आयुर्वेदिक उपचार लीजिये.

पथरी का आयुर्वेदिक उपचार

अगर आप एलोपैथिक डॉक्टर के पास जाएंगे तो वो आपको सिर्फ सर्जरी की सलाह देगा लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूँ किआयुर्वेद में किडनी स्टोन यानि मूत्रमार्ग की पथरी का सिर्फ खाने की दवाइयों से बिलकुल सफल इलाज किया जा सकता है.

आप पथरी का साइज 10 मिमी या इससे कम है तो पथरी 10 से 20 दिन में निकल जाती है.

सबसे पहले दो सबसे ज़रूरी चीज़ें :

  • आपको रोज़ 3 से 4 लीटर पानी पीना है.
  • दूसरे आपको मेडिकल स्टोर से एक अच्छा सोडियम रहित अल्कलाइज़र जैसे रैनबैक्सी का नोक्यूली (Noculi ) लेना है. अल्कलाइज़र आप दिन में 3 बार एक गिलास पानी में एक चम्मच मिलाकर लेंगे. (ह्रदय रोगी डॉक्टर से निजी रूप से मिलकर या बात करके ही अल्कलाइज़र का प्रयोग करें ). अल्कलाइज़र मूत्रमार्ग को क्षारीय बनता है. अम्लीयता पथरी का बनना बढ़ाती है.

अब बात करते हैं शुद्ध आयुर्वेदिक उपचार की :

ये आप दो प्रकार से ले सकते हैं. या तो आप बाज़ार से कच्ची औषधियां खरीदकर उनका योग खुद घर पर तैयार कर सकते हैं. या आप अच्छी कंपनी की बनी बनाया योग ( दवाइयां) ले सकते हैं.

आयुर्वेदिक प्रेस्क्रिप्शन :

  1. प्रतिदिन 3 से 4 लीटर पानी
  2.  हिमालया की सिस्टोन (Cystone), दिन में 2 गोली 3 बार पानी से ( सुबह नाश्ते के बाद, दोपहर को खाने के बाद, रात को खाने के बाद )
  3. धूतपापेश्वर की शीत प्रभावटी 2 गोली दिन में दो बार पानी से
  4. गोक्षुरादिगुग्गुलु, 2 गोली दिन में दो बार पानी से

अपथ्य (इन चीज़ों का परहेज़ करें ) :

  • ज़्यादा दूध या दूध से बनी चीज़ों का सेवन,
  • खट्टी, एसिड बनाने वाली चीज़ों का सेवन

 

नोट : ऊपर दी गयी सभी जानकारी सिर्फ जागरूकता के लिए है और यह आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह का बदल नहीं है. यदि आप हमसे परामर्श चाहते हैं तो हमें फ़ोन कीजिये, या कमेंट में लिखिए.

अगर आपको हमारी सलाह चाहिए तो संपर्क करें हमारी ईमेल पर  – contact@urcurable.com