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देसी दवाइयों से जड़ से ख़त्म करें बवासीर / Ayurvedic Herbal Treatment For Piles (Hemorrhoids)

बवासीर (Hemorrhoids, Piles): आयुर्वेदिक समाधान 

बवासीर जिसे इंग्लिश में हेमोर्रोइड्स (Hemorrhoids) या पाइल्स (Piles) कहा जाता है एक बहुत ही पीड़ादायी बीमारी है. यह मलमार्ग के मुख पर उपस्थित खून की नलिकाओं (Veins) के फूल जाने से होती है जिन्हें आम ज़बान में बवासीर के मस्से कहा जाता है.


आज हम बवासीर के बारे में और इसके आयुर्वेदिक देसी इलाज के बारे में आपको बताएँगे.

बवासीर क्या है (What is Piles):
दोस्तों हमारे मलमार्ग के मुख पर छोटी छोटी खून की नलिकाओं का जाल (Hemorrhoidal Plexus)  होता है. ये नलिकाएं मल को बिना इच्छा के बाहर आने से रोकती हैं यानी इनका काम मल को अंदर रोकना होता है. मल तभी बाहर निकलता है जब हम मल त्याग की इच्छा करते हैं. खाने में फाइबर (Fibers) की संख्या कम होने पर यानी बिना रेशे वाला खाना लम्बे टाइम तक खाने से क़ब्ज़ (Constipation) रहने लगता है. कब्ज़ में
१. एक तो मल सूख जाता है अतः मल त्याग के वक़्त जब मल बाहर निकलता है तो घर्षण (Friction)की वजह से मलद्वार पर मौजूद खून की नलिकाएं (ब्लड वेसल्स=blood vessels) छिल जाती हैं.
२. दूसरे कब्ज़ में मल त्याग के लिए ज़ोर लगाना पड़ता है जिसकी वजह से फिर से इन नलिकाओं पर ज़ोर पड़ता है.
इन दो कारणों से ये नलिकाएं फूल जाती हैं और मलत्याग के समय अक्सर ये फट जाती हैं और इनमे से खून निकलने लगता है जिसे बवासीर का रोग कहा जाता है और इन फूली हुई नलिकाओं को बवासीर के मस्से कहा जाता है.

बवासीर के प्रकार (टाइप)

(Types Of Piles):
बवासीर आमतौर पर दो तरह की मानी गयी है:

1. अंदरूनी बवासीर या खूनी बवासीर (Internal Hemorrhoids):
इस टाइप की बवासीर में मस्से मलद्वार के अंदर की तरफ होते हैं. इस बवासीर में मलत्याग के समय मस्सों के छिल जाने से खून निकलने लगता है जोकि या तो मल पर लगा हुआ दिखाई देता है या टॉयलेट सीट पर बून बूँद करके गिरता हुआ दिखाई देता है. आमतौर पर इस तरह की बवसीर के मस्सों में दर्द नहीं होता है.

2. बाहरी बवासीर (External Hemorrhoids):
इस टाइप की बवासीर में मस्से मलद्वार के ठीक बाहर की तरफ होते हैं. आमतौर पर ये मस्से कोई परेशानी पैदा नहीं करते लेकिन अगर इनमे खून रुक जाता है या खून का थक्का बन जाता है तो ये मस्से बहुत दर्द करते हैं.
यहाँ ये जान लेना ज़रूरी है कि ऐसा ज़रूरी नहीं है कि एक आदमी में एक बार में सिर्फ अंदरूनी या बाहरी मस्से ही होंगे, ऐसा नहीं है. एक आदमी में एक साथ अंदरूनी और बाहरी दोनों मस्से हो सकते हैं.
औरतें बच्चे के जन्म के समय ज़ोर पड़ने की वजह से अक्सर बवासीर से पीड़ित हो जाती हैं.

अंदरूनी और बाहरी बवासीर ( सौजन्य: विकिमीडिआ)

 बवासीर कैसे पहचानें :

(How To Diagnose Hemorrhoids):
वैसे तो मस्से महसूस हो जाते हैं लेकिन एक बार प्रशिक्षित डॉक्टर से चेक-अप करा लेना बेहतर है क्योंकि बवासीर जैसे लक्षण कई अन्य बीमारियों जैसे भगन्दर(फिस्टुला), मलमार्ग का कैंसर वगैरा में भी हो सकते हैं.
बवसीर का आयुर्वेदिक देसी और हर्बल इलाज:
बवासीर का आयुर्वेद में बहुत ही आसान और कारगर इलाज है. बवासीर को आयुर्वेद में अर्श कहा जाता है. सुश्रुत संहिता में बवासीर का इलाज बहुत विस्तार से बताया गया है.

आयुर्वेद में बवासीर के दो प्रकार के इलाज हैं.
1. सर्जरी से.
2. दवाइयों से.
यहां हम सिर्फ देसी दवाइयों से बवासीर का इलाज आपको बताएँगे.
1. तिल का तैल
दिन में पांच बार साफ़ हाथ से हलके हलके मस्सों पर तिल का तेल लगाएं. बाजार में तिल का तैल लगभग 15 जड़ी बूटियों के मेल से बना ‘जात्यादि तैल’ नाम से मिलता है.


2. नारियल के छिलके पर उपस्थित रेशों को जलाकर भस्म बना लें और रोज़ तीन ग्राम दिन में दो बार 3 ग्राम बूरे की साथ छाछ से इसे लें.


3. ज़्यादा से ज़्यादा फाइबर वाला खाना खाएं. दही का इस्तेमाल ज़्यादा से ज़्यादा करें. फल खाएं, खासतौर से संतरा जिसमे फाइबर भी अधिक होते हैं और विटामिन सी घाव भरने में भी मदद करता है.


4. दर्द ज़्यादा होने पर सिट्ज़ बाथ (Sitz Bath) का इस्तेमाल करें. इसमें एक टब में गुनगुना पानी भरकर उसमे आधे घंटे बैठना होता है. यह विधि सिट्ज़ बाथ कहलाती है.


5. दूध में नीम्बू: दूध को गर्म करके ठंडा कर लें. एक कप दूध में एक नीम्बू का रस सुबह खाली पेट पिएं. सात दिन में बवासीर ख़त्म हो जाती है.

इन पर भी ध्यान दें:
1. क़ब्ज़ न होने दें.
2. मलत्याग के समय ज़्यादा ज़ोर न लगाएं और न ही मलत्याग में अधिक समय लगाएं.
3. फाइबर वाला खाना: वह खाना जिसमे रेशा अधिक होता है जैसे फल, बिना छाना आटा, चने का आटा वगैरा.

दोस्तों ऊपर दी गयी जानकारी आपकी जागरूकता कि लिए है. अगर आपके मन में कोई सवाल है या आप इस बारे में और जानना चाहते हैं तो हमें लिखिए या हमसे कांटेक्ट कीजिये. आप बवासीर के आयुर्वेदिक इलाज की किट हमसे भी मँगा सकते हैं.

One thought on “देसी दवाइयों से जड़ से ख़त्म करें बवासीर / Ayurvedic Herbal Treatment For Piles (Hemorrhoids)

  1. Pushkar sharma says:

    बवासीर बहुत ही खतरनाक बीमारी है ! आप ने इस बीमारी के बारे में अच्छे से समझाया है ! यह मेरे लिए बहुत ही फायदेमंद जानकारी है ! इसप्रकार की जानकारी साजा करने के लिए धन्यवाद !

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