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स्वप्नदोष: कारण और आयुर्वेदिक उपचार/ Ayurvedic Treatment For Nocturnal Emission (Swapndosh)

स्वप्नदोष: कारण और आयुर्वेदिक उपचार

दोस्तों आपका फिर से स्वागत है. आज हम एक बहुत ही विशेष टॉपिक लेकर आये है. यह है स्वप्नदोष (swapndosh) यानी रात को सोते समय नींद में वीर्य का निकल जाना. स्वप्नदोष पुरुषों, खासतौर से युवा लड़कों में एक बहुत ही आम समस्या है. इस लेख में हम स्वप्नदोष पर विस्तार से चर्चा करेंगे और आखिर में इसका आयुर्वेद सम्मत उपचार आपको बतायेंगे.

 

स्वप्नदोष क्या है? यह क्यों होता है? आधुनिक स्वास्थ्यय विज्ञान का स्वप्नदोष के बारे में क्या कहना है? क्या स्वप्नदोष वास्तव में एक समस्या है या नहीं . क्या इसके उपचार की ज़रुरत है या नहीं? अगर इसके उपचार की वाकई में ज़रुरत है तो इसका साइड इफेक्ट्स रहित आयुर्वेदिक उपचार क्या है?

ये सभी सवाल एक लड़के के मन से कभी न कभी होकर ज़रूर गुज़रते हैं. अब आपको चिंता करने की कोई ज़रुरत नहीं है, हम आपके इन सभी सवालों का बेहद संतोषजनक, आधुनिक विज्ञान सम्मत, आयुर्वेद सम्मत और सरल भाषा में उत्तर देंगे.

स्वप्नदोष क्या है (What is Nocturnal emission or Wet Dreams)

स्वप्नदोष का समान्य भाषा में मतलब है रात को सोते समय नींद की अवस्था में वीर्य का निकल जाना. इसे इंग्लिश में नाइट फॉल (Night Fall) या नोक्टर्नल इजेकुलेशन (Nocturnal Ejaculation) कहते हैं.

अब सवाल उठता है कि वीर्य (Semen) क्या है, कहाँ बनता है और वीर्य अनचाहे ही सोते समय क्यों निकल जाता है?

दोस्तों पुरुष का वीर्य दो चीज़ों के मिलने से बनता है
1. वीर्य का जैविक भाग यानी शुक्राणु यानी स्पर्म (Sperms)
2. वीर्य का द्रव भाग, जिसमें स्पर्म तैरते हैं और स्पर्म का खाना होता है.

वीर्य का शुक्राणुओं वाला हिस्सा पुरुष के अंडकोषों यानी टेस्टिस (testis) में बनता है जो एक थैली के रूप में लिंग (Penis) के नीचे लटके रहते हैं.
वीर्य का द्रव भाग मुख्य रूप से 2 ग्रंथियों में बनता है जो पेट के अंदर नीचे की तरफ पेल्विक कैविटी (Pelvic Cavity) में होती हैं: प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate Gland) जोकि पेशाब की थैली (मूत्राशय या मसाना या यूरिनरी ब्लैडर Urinary Bladder ) के ठीक नीचे होती है और 2 सेमिनल ग्रन्थियाँ जोकि मूत्राशय (मसाना, Urinary Bladder) के पीछे होती हैं.

जब पुरुष उत्तेजित होता है तो उत्तेजना के चरम बिंदु पर पहुँचने पर वीर्य स्खलित होता है. स्खलन के समय स्पर्म, द्रव भाग के साथ मिलकर वीर्य के रूप में मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाते हैं. वीर्य का बनना लगातार चलता रहता है. वीर्य बनता रहता है और अवशोषित होता रहता है.
कभी कभी यही वीर्य बिना उद्देशय के सोते समय निकल जाता है और यह समस्या स्वप्नदोष कहलाती है. ऐसा नवयुवकों में अधिक देखने को मिलता है. स्वप्नदोष मुख्य रूप से एक मानसिक घटना है.

ध्यान दें कि आधुनिक विज्ञान के अनुसार महीने में 4 बार तक स्वप्नदोष हो जाना सामान्य घटना माना गया है और इसे रोग की श्रेणी में नहीं रखा गया है. साथ ही अलग अलग लड़कों में इसकी आवृत्ति यानी महीने में कितनी बार हो रहा है भी अलग अलग होती है. परन्तु यदि एक हफ्ते में एक से अधिक बार स्वप्नदोष होता है तो यह वाकई एक समस्या है. और अगर हर रात स्वप्नदोष हो रहा है तो इस पर तुरंत ध्यान दिए जाने और इसके उपचार किये जाने की ज़रुरत है.

अधिक स्वप्नदोष के कुप्रभाव (Bad effects of excessive nocturnal emission)

1. कमज़ोरी
2. कमर दर्द,
3. मुख पर तेज का अभाव,
3. आँखें धंस जाना,
4. याददाश्त कमज़ोर हो जाना,
5. थकान बने रहना,
6. किसी काम में मन न लगना.

स्वप्नदोष का उपचार (Herbal Treatment of Nocturnal Emission)

जैसा कि मैंने अभी कहा, महीने में 4 बार तक स्वप्नदोष यानी हफ्ते में लगभग 1 बार एक बिलकुल सामान्य घटना है और इसे रोग मानकर बिलकुल टेंशन न लें. चूँकि वीर्य लगातार बनता रहता है तो हमारा शरीर कभी कभी अधिक मात्रा में बने वीर्य को शरीर से इस माध्यम से बाहर निकाल देता है.
यह एक बहुत बड़ी भ्रान्ति है के स्वप्नदोष हर हाल में गलत है चाहे कभी कभार ही क्यों न हो.

अगर स्वप्नदोष हफ्ते में 2 बार हो रहा है तो इसे जीवन शैली से बदलें .

जीवन शैली से कैसे बदलें?

1.सेक्स के विषय में या लड़कियों के बारे में सोचने से बचें.
2.कामोत्तेजक चित्र या फिल्में न देखें.
3. जननांगों के बाल नियमित तौर से साफ़ करें.
4. कब्ज़ न होने दें.
5. स्वयं को अधिक से अधिक व्यस्त रखें.
6. बिस्तर पर नींद आने पर ही लेटें.
7. दोस्तों के साथ गन्दी मज़ाक़ हरगिज़ न करें.
8. अधिक देर तक और अनावश्यक रूप से अकेले न रहें.
9. इच्छा शक्ति मज़बूत करें.

हफ्ते में दो से अधिक बार स्वप्नदोष होने पर यह उपचार लें.

1. ऊपर जीवनशैली से सम्बंधित बतायी गयी बातों का दृढ़ता और कड़ाई से पालन करें.
2. चंदनासव, दोनों समय खाने के बाद चार चम्मच आधे गिलास पानी से.
3. हफ्ते में दो बार रात को सोने से पहले त्रिफला चूर्ण १ चम्मच पानी से.
4. हिमालया ब्राह्मी माइंड वैलनेस टेबलेट्स, 1 गोली सुबह शाम.

दोस्तों यहां दी गयी जानकारी आपकी जागरूकता कि लिए है और डॉक्टर की सलाह का बदल नहीं है. यदि आपके मन में कोई सवाल है या जिज्ञासा है या स्वास्थ्यय सम्बन्धी कोई भी सवाल है, तो हमसे कांटेक्ट कीजिये या कमेंट बॉक्स में लिखिए.